देश में विकलांग मतदताओं को लेकर राष्ट्रीय चुनाव आयोग गंभीर नही है।
इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है।
गुरूतेग बहादुर अस्पताल स्थित युनीवर्सिटी कालेज आफ मेडीकल साइंस में
फिजियोलाजी के प्रोफेसर एवं विकलांग अधिकारों के प्रणेता डा सत्येन्द्र सिंह ने सूचना के
अधिकार के तहत विकलांग मतदाताओं की समस्याओं एवं उन्हें दूर करने के संबंध में
किये गये प्रयासों की जनाकारी राष्ट्रीय चुनाव आयोग से मांगी तो आयोग के जवाब में
सामने आया है कि राष्ट्रीय चुनाव आयोग के पास देश के विकलांग मतदाताओं के बारे में
कोई डाटा तक ही नही है। इतना ही नेत्रहीन तो राष्ट्रीय चुनाव आयोग की वेबसाइट तक
नही देख सकते जबकि पीएमओ,नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेन्टर तथा मुख्य आयुक्त
निशक्तजन की ओर से इस बारे में स्पष्ट निर्देश जारी किये गये है। उन्होंने कहा कि
उच्चतम न्यायालय ने 2004 में विकलांग मतदाताओं को जागरूक करने के लिए टीवी एवं
अखबार के माध्यम से कैंपेन चलाने के निर्देश दिये थे लेकिन अभी तक ऐसे कोई कदम
नही उठाये है। ना ही मतदान में विकलांग की भागीदारी सुनिश्चत करने को राष्ट्रीय चुनाव
आयोग ने राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से संपर्क किया। डा. सिंह ने कहा कि 2004 में
जारी उच्चतम न्यायालय के निदेशरें का अभी तक पालन न किया जाना विकलांग
मतदाताओं के मताधिकार का पूरी तरह हनन है।
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